आपका किरायेदार पट्टे की समाप्ति के बावजूद अपनी संपत्ति को खाली नहीं कर रहा है। आपको क्या करना चाहिये?
अगर आपका किरायेदार भी लीज अग्रीमेंट की समाप्ति के बावजूद आपकी संपत्ति को खाली नहीं कर रहा है तो आपको उसके खिलाफ कुछ लीगल एक्शन लेना चाहिए। 

अगर आपको इसकी जानकारी नहीं हैं तो इस बारे में पूरी जानकारी हम आपको इस लेख के द्वारा दे रहे हैं।

आजकल घर या कोई दूसरी संपत्ति किराये पर देना बहुत ही आम बात हैं।

हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बार किसी ना किसी कारण से अपनी संपत्ति किराये पर देता ही हैं फिर चाहे वो ज्यादा पैसा कमाना हो या फिर कुछ और।

जब आप कोई संपत्ति किराये पर देते हैं तो आप अपने किरायेदार के साथ एक लीज अग्रीमेंट करते हैं जिसमे कुछ शर्ते और किराये पर रहने की समय सीमा होती हैं जिसके खत्म होने पर किरायेदार को आपकी प्रॉपर्टी खाली करनी होती हैं।

लेकिन परेशानी वहाँ आती हैं जब लीज अग्रीमेंट खत्म होने पर आपका किरायेदार आपकी संपत्ति ख़ाली ना कर रहा हो।

 

 

आप बेदखली के लिए मुकदमा दर्ज कर सकते हैं।

लीज अग्रीमेंट एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट होता हैं जो मकान-मालिक और किरायेदार के बीच होता हैं इस अहम दस्तावेज में संपत्ति को किराये पर देने की शर्तो के साथ-साथ प्रॉपर्टी को कैसे इस्तेमाल करना हैं इसकी भी जानकारी भी मकान-मालिक द्वारा दी जानी चाहिए।

इसके आलावा हर महीने का किराया और किरायेदार कितने समय तक आपकी संपत्ति में रह सकता हैं, यह भी लिखा जाना चाहिए।

 

मकान ख़ाली करने की शर्त

इस कॉन्ट्रैक्ट में मकान ख़ाली करने की शर्त भी लिखी होनी चाहिए।

जिसके आधार पर अगर आप मुकदमा दर्ज करे तो कॉन्ट्रैक्ट का हवाला देकर आप अपना मुकदमा दर्ज आसानी से कर सके।

 

 

किरायेदार से घर खाली करवाने के सिर्फ दो तरीके होते हैं:-

अगर हम सुप्रीम कोर्ट में वकील कुमार मिहिर की बात पर ध्यान दे तो उनके मुताबिक किरायदार से घर खाली करवाने के सिर्फ दो तरीके होते हैं:-

  1. या तो रेंट अग्रीमेंट खत्म हो जाना चाहिए।
  2. दूसरा, ट्रांसफर आफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 106 के तहत कानूनी नोटिस भेजकर मकान मालिक लीज को रद्द कर दे।

अगर किरायेदार इन दोनों ही मामलों में घर खाली करने से मना करता देता हैं  तो मकान मालिक को जिला अदालत में बेदखली का मुकदमा दायर कर आदेश लेना पड़ेगा।

 

अगर किरायेदार किराया नहीं देता हैं:

अक्सर ऐसा होता हैं कि किरायेदार किराया देना बंद कर देते हैं लेकिन आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा पूरा जमाए रखते हैं।

कभी-कभी तो ये भी देखा गया हैं कि इस विवाद का कर्ण किराया बढ़ाना भी होता हैं। लेकिन अगर मकान-मालिक चाहे तो रेंट अग्रीमेंट में शर्त के अनुसार किराया बढ़ा सकता हैं।

अगर किरायेदार एक साल बाद बढ़ाया हुआ किराया भी नहीं देता हैं तो मकान-मालिक को पूरा हक़ हैं कि वह अपनी प्रॉपर्टी ख़ाली करने के लिए कह सकता हैं।

 

अगर रेंट अग्रीमेंट का उल्लंघन होता हैं:

किरायेदार को अपनी संपत्ति किराये पर देने से पहले रेंट अग्रीमेंट पर मकान-मालिक और किरायेदार, दोनों के sign होने बहुत जरुरी हैं।

लेकिन सिग्नेचर करने से पहले दोनों पार्टी को कॉन्ट्रैक्ट अच्छे से पढ़ लेना चाहिए। ताकि अगर बाद में कोई भी नियम का उल्लंघन करे तो उसके खिलाफ नोटिस भेजा जा सके। आपकी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कैसे करना हैं ये भी अग्रीमेंट में साफ-साफ लिखा जाना चाहिए।

अगर किरायेदार किसी भी नियम का उल्लंघन करता हैं तो मकान-मालिक को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

यदि आपको किरायेदार के व्यवहार के खिलाफ या प्रॉपर्टी से कोई आपराधिक गतिविधि चलाने की शिकायत मिलती है तो यह आपकी जिम्मेदारी होगी।

इसलिए बतौर मकान मालिक आपको अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी होनी चाहिए।

 

निष्कर्ष:

हम उम्मीद करते हैं कि अगर आपका किरायेदार लीज की समाप्ति के बावजूद आपकी संपत्ति को खाली नहीं कर रहा है तो आपको क्या करना चाहिये, इसकी जानकारी आपको इस आर्टिकल से मिल गई होगी।

अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल हैं तो आप अपने प्रश्न दिए गए फॉर्म को फिल कर पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब जल्दी ही देंगे।

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