जिस तरह से भारतीय नागरिकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। उसी प्रकार हर भारतीय नागरिक के लिए कुछ कर्तव्य भी बनाये गए हैं। जो हर भारतीय नागरिक द्वारा निभाए जाने चाहिए। अगर देखा जाए तो दोनों एक ही सिक्के के पहलू हैं।
भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री “इंदिरा गांधी” द्वारा सन 1976 संविधान के भाग IV में मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के लोकतंत्र को संतुलित बनाना था। जहाँ मौलिक अधिकार भारत के नागरिक और विदेशी, दोनों पर लागू होते हैं।
लेकिन मौलिक कर्तव्य केवल भारतीय पर लागू होते हैं।
यदि आप भारतीय नागरिक हैं तो आपको भारत के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य, दोनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
यहाँ हम आपके लिए मौलिक कर्तव्य की सूची लेकर आये हैं।
संविधान के अनुसार केवल 11 मौलिक कर्तव्य हैं। जो हर भारतीय को हर हाल में पूरे करने चाहिए।
- हर भारतीय नागरिक को भारत के संविधान का पालन करना चाहिए, उसके आदर्श, संस्थान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रिय गान का सम्मान करना चाहिए।
- स्वतंत्रता के लिए हमारे वीर सैनिक और राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना चाहिए।
- हर भारतीय नागरिक का यह कर्तव्य हैं कि वह देश की गरिमा, एकता और अखंडता को बनाए रखे और उसकी रक्षा करे।
- हर भारतीय नागरिक को देश की रक्षा और राष्ट्रीय सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
- भारत में अनेक धर्म के लोग रहते हैं उन सभी धर्म की रक्षा और सम्मान करना चाहिए हमेशा भाईचारे का सन्देश देना चाहिए और महिलओं की गारिमा को ठेस या अपमानजनक बातो का त्याग करना चाहिए।
- देश की संस्कृति और विरासत को संजो कर रखना।
- प्रक्रति के लिए हमेशा दया भाव होना जंगल, जानवर, नदियाँ, झीले, सबके बारे में सोचकर और उनकी रक्षा करने का भाव हर भारतीय के दिल में होना चाहिए।
- सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा और हिंसा को समाप्त करना।
- हर भारतीय को वैज्ञानिक सोच विकसित करनी चाहिए हमेशा जांच और सुधर की भावना को विकसित करे।
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करने के लिए ताकि राष्ट्र निरंतर प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक पहुंचे।
- जो अपने बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए माता-पिता या अभिभावक है, जैसा भी हो, छह और चौदह वर्ष की आयु के बीच वार्ड हो सकता है।
ध्यान रहें मौलिक कर्तव्य निभाना सभी भारतीय नागरिक का नैतीक धर्म हैं।
यह कानूनन रूप से किसी भी व्यक्ति पर लागू नहीं किया जा सकता। और ना ही इन्हें कोर्ट में लड़ा जा सकता हैं।
यह एक राष्ट्रिय आचार संहिता की तरह हैं मौलिक अधिकार की तरह मौलिक कर्तव्य का भी हमेशा पालन किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
तो ये थे 11 भारतीय मौलिक कर्तव्य हम उम्मीद करते हैं कि अब आप इनको अच्छी तरह से समझ गए होंगे।
यदि आप इनसे जुडी और जानकारी लेना चाहते हैं। तो हमारे इस पेज पर दिए गए फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरे। हमारे एक्सपर्ट्स आपसे जल्द जुड़कर आपको सही जानकारी देंगे।