आपने अक्सर देखा होगा कि किसी विशेष आविष्कार, खोज, डिजाईन आदि पर एक व्यक्ति अपना अधिकार जमाता हैं उसकी अनुमति के बगैर और कोई उसका उपयोग नहीं करता हैं।
यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष डिजाईन, खोज, आविष्कार का उपयोग करना चाहता हैं तो उसे पेटेंट धारक की अनुमति लेनी होगी। इसी प्रक्रिया को पेटेंट के नाम से जाना जाता हैं।
पेटेंट कानून भारत में भी लागू होता हैं। जिसके लिए भारतीय पेटेंट कार्यालय को बेंगलूर में स्थापित किया गया हैं।
इस कार्यालय को पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेड मार्क्स (सीजीपीडीटीएम) के नियंत्रक जनरल के कार्यालय द्वारा प्रशासित किया जाता है।
यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आदेश के अनुसार चलाया जाता हैं।
आइए पेटेंट कानून के बारे में विस्तार से जानने के कोशिश करते हैं।
पेटेंट किसे कहते हैं?
पेटेंट एक ऐसी प्रक्रिया या अधिकार हैं जो एक विशेष व्यक्ति या संस्थान को दिया जाता हैं जब वह कोई नई सेवा,तकनीकी, प्रक्रिया, उत्पाद या डिज़ाइन कि खोज करता हैं।
यह एक सुरक्षा देने का तरीका हैं जिसके तहत कोई दूसरा व्यक्ति उस चीज़ कि नक़ल करके बाज़ार में ना उतार सके।
यदि दूसरे शब्दों में पेटेंट कानून को समझा जाए तो यह एक ऐसा कानून हैं जिसमे व्यक्ति को उस खोज, उत्पाद या डिजाईन के लिए एक विशेषाधिकार मिल जाता हैं। यदि कोई और व्यक्ति उसका उपयोग करना चाहता हैं तो उसे पेटेंट धारक से अनुमति लेनी होगी।
अपराध
यदि बिना अनुमति लिए कोई और व्यक्ति उसी उत्पाद या डिजाईन को बनाती हैं तो इसे पेटेंट कानून का अपराध माना जाता हैं।
उस व्यक्ति के खिलाफ पेटेंट धारक शिकायत भी दर्ज करवा सकता हैं और उससे रॉयल्टी हासिल कर सकता हैं।
पहले हर देश में पेटेंट लागू करने कि अवधि अलग-अलग होती थी। लेकिन फ़िलहाल विश्व व्यापार संगठन ने पेटेंट लागू रहने की अवधि 20 वर्ष कर दी है।
पेटेंट दो प्रकार का होता है (Types of Patent)
- उत्पाद पेटेंट
- प्रक्रिया पेटेंट
उत्पाद पेटेंट
क्या आपने कभी बाज़ार में दो अलग-अलग कंपनी के एक जैसे साबुन देखे हैं? नहीं ना, यह उत्पाद पेटेंट के कारण होता हैं।
यह पेटेंट कहता हैं कि कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी उत्पाद की बिलकुल एक जैसी नक़ल नहीं कर सकती हैं।
जिसका मतलब कोई दो उत्पाद बिलकुल एक जैसे नहीं हो सकते। उनका स्वाद, पैकिंग, रंग, आकार, नाम बिलकुल अलग होना चाहिए। यदि ऐसा पाया जाता हैं तो पेटेंट धारक दूसरी कंपनी या संस्था पर केस कर सकती हैं।
प्रक्रिया पेटेंट
प्रक्रिया पेटेंट के मुताबिक़ यदि कोई एक उत्पाद किसी विशेष तकनीक से बनाया गया हैं तो कोई दूसरा व्यक्ति या संस्था वह तकनीक का उपयोग नहीं कर सकती।
यह सीधा नई प्रौद्योगिकी से जुड़ा हैं। यह कानून तकनीकी पर पेटेंट लेने की सुविधा देता हैं।
यदि कोई दूसरा व्यक्ति या संस्था कोई उत्पाद बनाने के लिए वही तकनीक का इस्तेमाल करती हैं तो पेटेंट धारक कंपनी उस कंपनी पर मुकदमा दर्ज कर सकती हैं।
पेटेंट कैसे प्राप्त किया जाता है?
हर देश में पेटेंट कार्यालय होता हैं।
यदि कोई व्यक्ति या संस्था अपनी किसी उत्पाद या खोज पर पेटेंट लेना चाहती हैं तो पेटेंट कार्यालय में अर्जी देनी होती हैं और साथ में अपनी खोज या उत्पाद का ब्यौरा देना होता हैं।
उसके बाद पेटेंट कार्यलय की टीम उसकी जांच करेगी। जांच के बाद अगर वह उत्पाद या तकनीक नया पाया जाता हैं तो पेटेंट का आदेश जारी कर दिया जायेगा।
विशेष ध्यान
एक बात का विशेषतौर से ध्यान रखा जाना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति किसी खोज या तकनीक का पेटेंट किसी एक देश में करवाता हैं तो वह पेटेंट कानून उसी देश में लागू होगा।
उदाहरण के लिए यदि किसी भारतीय व्यक्ति ने किसी उत्पाद के लिए अमेरिका में पेटेंट करवाया हैं तो वह कानून केवल अमेरिका में ही लागू होगा। भारत में यह कानून लागू करने के लिए उन्हें भारत में पेटेंट के लिए अर्जी देनी होगी।
निष्कर्ष:
हम उम्मीद करते हैं कि आप पेटेंट कानून से जुड़ी हर जानकारी ले चुके हैं। लेकिन यदि फिर भी आपको कोई संदेह हैं तो हमारे निचे दिए फॉर्म को भरे और हमारी टीम आपके प्रश्नों का उत्तर देगी।