Criminal Procedure Code – दण्ड प्रक्रिया संहिता

दण्ड प्रक्रिया संहिता, धारा 46 के बारे में पूरी जानकारी

Criminal Procedure Code(CrPC) को hindi में ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता‘ कहते है। आपने अक्सर सुना होगा कि भारत देश में बहुत बड़ी दुर्घटना या दंगे वगेरह रोकने के लिए भारत सरकार ने CrPC की धारा 144 लागू कर दी हैं।

क्या कभी आपने सोचा हैं कि यह क्या हैं? इसका क्या इतिहास हैं इसे कौन लगाता हैं और इसके क्या-क्या नियम होते हैं? यदि नहीं तो आइये इस लेख के माध्यम से दण्ड प्रक्रिया संहिता की पूरी जानकारी लेते हैं।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46 क्या हैं?

जब किसी खास इलाके या जगह पर दंगा, लूटपाट, हिंसा, मारपीट या खून-खराबे होने के बहुत ज्यादा अंदाज़े होते हैं। तो वहाँ की शांति भंग होने से रोकने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाई जाती हैं। यह उस इलाके की शांति को व्यवस्थित रखने में मदद करती हैं।

CrPC की धारा 144 कौन लगाता हैं?

जब किसी इलाके के हालात आउट ऑफ़ कन्ट्रोल हो जाते हैं तो ऐसे में वहाँ के लोगो को सुरक्षित रखने के लिए धारा 144 लगाने का आदेश कार्यकारी मजिस्ट्रेट को लेना होता हैं।

इस कानून को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिलाधिकारी को एक नोटिफिकेशन जारी करना होता हैं। जिसमे दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 144 लगाने के आदेश होते हैं।

इसके तुरंत बाद उस तनावपूर्ण इलाके में ये धारा लागू कर दी जाती है।

धारा 144 लगने पर क्या होता हैं?

जिस इलाके में यह धारा लागू होती हैं वहाँ पर इसके नियम लागू हो जाते हैं जैसे-

  • धारा 144 लगने के बाद उस इलाके में 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते।
  • उस क्षेत्र में ना तो हथियार लाने की और न ही ले जाने की अनुमति होती हैं।
  • वहाँ के किसी भी व्यक्ति को बाहर घुमने की इज़ाज़त नहीं होती।
  • इसी के साथ-साथ कोई यातायात पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी जाती हैं।
  • यदि एक या एक से ज्यादा व्यक्ति का ग्रुप घूमता हुआ मिलता हैं तो उनपर कानूनी करवाई की जा सकती हैं।
  • इसके अलावा यदि कोई भी व्यक्ति इस धारा का कोई भी नियम तोड़ता हुआ पाया जाता हैं या पुलिस को अपनी करवाई करने से रोकती हैं तो यह भी दंडनीय अपराध माना जाता हैं।

धारा 144 लगने पर किस प्रकार की रोक या प्रतिबंद होता हैं?

  • जब किसी इलाके की शांति पूरी तरह से भंग हो जाती हैं तो वहाँ पर यह धारा लगाकर उस इलाके की शांति बनाये रखने की कोशिश होती हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति के सिविल अधिकार या किसी भी प्रकार की संपत्ति को लेकर प्रश्न किये जाते हैं तो वहाँ धारा 144 नहीं लगाई जा सकती।

इस आदेश की अवधि क्या होती है?

  • धारा 144 केवल दो महीने की लगाई जा सकती है।
  • राज्य सरकार वैधता को दो महीने और अधिकतम 6 महीने तक बढ़ा सकती है।
  • स्थिति सामान्य होने पर इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकता है।

यदि धारा 144 का उल्लंघन हो:

यदि कोई व्यक्ति इस धारा का उल्लंघन करता हैं। तो उसको अधिकतम 3 साल की सजा होने का प्रावधान हैं। और साथ ही भरी जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं।

निष्कर्ष

तो अब आप जान गए होंगे कि दण्ड प्रक्रिया संहिता, 46 क्या हैं। यदि अभी भी इसके बारे में और जानकारी लेना चाहते हैं। तो दिए गए फॉर्म को फिल करे।

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