आपने अक्सर लोगो में संपत्ति के लिए झगड़े होते हुए देखे होंगे। आपको यह बात जानकार आश्चर्य होगा कि सभी मामलो में से 66 प्रतिशत मुकदमे संपत्ति-विवाद से ही जुड़े होते हैं।
यह बात बिलकुल भी मायने नहीं रखती हैं कि वसीयत रजिस्टर्ड हैं या नहीं। अगर परिवार का सदस्य चाहे तो वह संपत्ति पाने के लिए वसीयत को चुनौती दे सकता हैं।
ऐसे में संपत्ति विवाद को खत्म करने के लिए भारत में बहुत से कानून बनाए गए हैं। जिनके द्वारा आप कानूनी रूप से संपत्ति विवादों को खत्म कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही कानून के बारे में!!!
संपत्ति विवाद क्या-क्या होते हैं?
इससे पहले हम आपको संपत्ति विवाद से बचने के उपाय बताए, आपको ये जान लेना चाहिए कि संपत्ति विवाद क्या-क्या हो सकते हैं. तो चलिए, ये जान लेते हैं!!!
- सबसे ज्यादा संपत्ति विवाद अचल संपत्ति से जुड़े होते हैं।
- परिवार में से कोई भी सदस्य आपकी संपत्ति पाने के लिए आपके खिलाफ जा सकता हैं।
- वसीयत होने के बावजूद आपकी वसीयत ना मानता हो।
- अगर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपकी संपत्ति पर कब्ज़ा कर लिया गया हो।
- अगर कोई किरायदार लीज खत्म होने के बाद भी आपकी जगह खली ना करता हो।
- अवैध कब्जा कर लेना ।
- बिना आपकी इज़ाज़त का आपकी संपत्ति का उपयोग करना ।
संपत्ति विवादों से बचने के लिए या फिर संपत्ति के जोखिम को कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
भारत में संपत्ति विवाद होना बहुत आम बात हैं। इन सभी से बचने के लिए पहले ही कुछ उपाय कर लेने चाहिए।
अगर आप कोई संपत्ति खरीदने वाले हैं।
जब भी आप कोई नई संपत्ति खरीदने वाले हो तो उससे पहले उस संपत्ति का 30 वर्षो तक का अवलोकन जरुर कर ले।
ये करना बहुत जरुरी हैं जिससे आपको ये पता चल सके कि ये संपत्ति वाकई में बेचने वाले व्यक्ति की ही हैं और यह अवैध संपत्ति तो नहीं हैं?
क्या बैंक ने इस संपत्ति को मंजूरी दे रखी हैं या फिर नहीं? ये सब जांच करना बहुत ही जरुरी हो जाता हैं जिससे कि भविष्य में आपको कोई संपत्ति विवाद ना झेलना पड़े।
स्वीकृत योजनाएं।
जब भी आप किसी भूमि पर मकान, ऑफिस या कुछ और बनाने जा रहे हो तो आपको उससे पहले किसी बिल्डर से बिल्ट-अप एरिया की जानकारी ले लेनी चाहिए।
क्यूंकि कई बार ऐसा होता हैं कि आपकी भूमि एक विशेष भवन या बिल्डिंग के लिए मान्य नहीं होती हैं और अगर फिर भी आप ऐसे किसी बिल्डिंग का निर्माण कर देते हैं तो आपको भविष्य में अवैध निर्माण से बनाई गई संपत्ति विवाद का सामना करना पड़ेगा।
विरासत
परिवार में कोई संपत्ति विवाद ना हो इसके लिए आपको अपनी वसीयत बना देनी चाहिए और उसमे अपनी मर्जी से लाभार्थी का नाम प्रासंगिक सरकार या राजस्व रिकॉर्ड में रजिस्टर करवा देना चाहिए।
इसके साथ-साथ कोई परिवार का सदस्य आपकी वसीयत के खिलाफ ना जा सके तो उसके लिए एक फॅमिली अग्रीमेंट भी हस्तांतरित करवा ले।
सभी तारीख आपस में मेल खानी चाहिए:
ये आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि स्टाम्प पेपर पर लिखी हुई तारीख और दूसरे पेपर पर लिखी हुई तारीख मेल खानी चाहिए।
निष्कर्ष:
संपत्ति विवादों को कम करने के लिए ऊपर बताए गए उपाय आपकी बहुत सहायता करेंगे। अगर आप ये सभी उपाय करते हैं तो कानूनन रूप से आपका पक्ष हमेशा मजबूत रहेगा ।