
Police Act, 1861 हिंदी में पुलिस आयुक्त प्रणाली या पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के नाम से जाना जाता हैं।
आपने हाल में ही सुना होगा कि बिगड़ते हालात और कानून व्यवस्था को देखते हुए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के दो बडे शहर नॉएडा और लखनऊ में पुलिस एक्ट, 1861 लगाने का फैसला किया हैं।
यह सुनते ही आपके मन में सबसे पहले यही सवाल आया होगा कि आखिर यह पुलिस कमिश्नरी सिस्टम हैं क्या?
इसका इतिहास क्या हैं। जो लोग इसके बारे में जानते हैं उनको तो पता ही होगा।
लेकिन वह सब जिनके पास इसके बारे में अच्छे से जानकारी नहीं हैं। उनके लिए हमने यह लेख तैयार किया हैं। इसकी मदद से आप Police Act, 1861 के बारे जानकारी इक्कठी कर सकते हैं।
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम क्या हैं?
जैसा कि आप जानते हैं भारत की तरक्की के साथ-साथ देश में महानगर की संख्या भी लगातार बढती जा रही हैं। इसी की वजह से सरकार को कानून और पुलिस की व्यवस्था रखने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा हैं।
इसी वजह से योगी सरकार ने नॉएडा और लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है।
यह कानून भारत देश में अंग्रेजो द्वारा शुरू किया गया था। देश में पुलिस आयुक्त प्रणाली, 1861 पर आधारित थी।
जबकि भारत के बहुत से शहर में आज भी पुलिस प्रणाली इसी अधिनियम इसी पर आधारित हैं। पहले अंग्रेजों के समय में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम मुंबई (बॉम्बे),चेन्नई (मद्रास) और कोलकाता (कलकत्ता) में लागू थी।
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से क्या क्या फायदे होते हैं?
- पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने पर कुछ मुख्य पावर जिले के कमिश्नर को मिल जाती हैं। जिससे वह आपातकाल की स्थिति में सही समय पर निर्णय ले सके।
- यदि कमिश्नर को कहीं बल प्रयोग करने के या धारा-144 लागू करने के आदेश देने हो तो उसको जिलाधिकारी पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा।
- कानून और इलाके की व्यवस्था को दुरस्त किया जा सकता हैं।
नॉएडा और लखनऊ के हालात देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार को इन शहर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को लगाने की बहुत जरूरत हैं। जिसकी मदद से इन दोनों शहर की कानून व्यवस्था दुरुस्त की जा सके।
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि आप Police Act, 1861 के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। लेकिन यदि आपको अभी भी और जानकारी जानने की इच्छा हैं। तो पेज पर एक फॉर्म दिया गया हैं। इसको अपनी सही जानकारी के साथ भरे।