एक वकील कैसे दुर्घटना मुआवज़े के दावों को भरने में आपकी मदद करता है?

भारत के लॉ में दुर्घटना के बाद व्यक्तिगत चोट आने पर जिम्मेदार व्यक्ति या संस्था पर दुर्घटना मुआवज़े कके दावा करने की सुविधा हैं।

यदि आपके साथ भी कोई दुर्घटना होती हैं और आप जिम्मेदार व्यक्ति को दुर्घटना मुआवज़े के लिए क्लेम करना चाहते हैं तो कैसे वकील आपकी इसमें मदद करता हैं। आप इस आर्टिकल से यही जानेंगे।

तो यदि आप यह जानने के इच्छुक हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।

एक व्यक्तिगत चोट का दावा दायर करने में वकील कैसे मदद करता हैं?

वैसे तो यह प्रक्रिया बहुत ही सरल हैं। लेकिन यदि आपने पहले कभी क्लेम नहीं किया हैं तो आपको थोडा मुश्किल लग सकता हैं। लेकिन अगर आप पहले भी क्लेम कर चुके हैं तो आप हर एक प्रोसेस को अच्छे से जानते होंगे।

हमने आपको पूरी प्रक्रिया समझाने के लिए संपूर्ण चरण दिए हैं।

चरण 1: चिकित्सा उपचार।

यदि आपको दुर्घटना में कोई चोट आती हैं या नहीं भी आती हैं। तो सबसे पहले आपकी जिम्मेदारी बनती हैं कि आप अपना अच्छे से अच्छा चिकित्सा उपचार करवाएं। ताकि यह पता चल सके कि आपको कितनी चोट आई हैं।

यही चिकित्सा उपचार आपकी चोट के मुआवज़े के लिए भी काम आएगी।

चरण 2: एक अनुभवी व्यक्तिगत चोट अटार्नी से संपर्क करें।

अब बारी आती हैं कि आप एक अनुभवी वकील से बात करे और इस बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी करे। जिसमे वकील आपको कानून की पूरी जानकारी देगा।

चरण 3: एक दावे को स्थापित करना।

अब आपका वकील पूरा मुकदमा तैयार करके उस व्यक्ति को सूचित करेगा जिसकी वजह से आपको चोट आई हैं। और इसके अलावा उनके बीमा कंपनी को भी सूचित करेगा।

ये आपके दावे को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश करेगें।

चरण 4: आपकी चोटों के लिए सूचना एकत्र करना और इलाज।

अब आपका वकील आपके डॉक्टर से आपकी चोट की पूरी जानकारी लेगा कि आपको किस-किस इलाज़ की जरूरत पड़ेगी और उसमे कितना खर्च आएगा। इसके अलावा आपके वाहन या आपकी संपत्ति को कितना नुकसान हुआ हैं। यह भी देखेगा।

चरण 5: निपटान का समझौता करना।

अब आपका वकील मुकदमे को जल्द से जल्द निपटाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति से मुआवज़े की मांग कर सकता हैं।

चरण 6: निपटान पर पहुंच गया है या मुकदमा दायर किया गया है।

यदि आपस में बातचीत करके मामला निपटने तक पहुँचता हैं तो आप और आपका वकील जिम्मेदार व्यक्ति के प्रस्ताव को मंजूर कर लेंगे।

लेकिन यदि आप उनके प्रस्ताव से खुश नहीं हैं तो आप अपनी आवश्यक धनराशी के लिए मुकदमा दायर कर सकते हैं।

चरण 7: मुकदमा दायर करना।

यदि आप जिम्मेदार पार्टी के प्रस्ताव को मंजूर नहीं करते हैं तो अब आप मुकदमा दायर करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं।

मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार हैं।

  • मुकदमा दायर करने के लिए आपको एक लिखित अर्जी कोर्ट में देनी होगी। जिसमे आपको कितनी चोट आई हैं। और आपका कितना नुकसान हुआ हैं। इसी के साथ-साथ आप कितनी धनराशी की मांग करते हैं। यह पूरी जानकारी आपको लिखित में देनी होगी।
  • मुकदमा दर्ज होने के बाद कोर्ट में सुनवाई होगी। जिसमे दोनों पार्टियां के बीच सुचना का आदान-प्रदान होगा। और दोनों पार्टी अपनी-अपनी बात बयान के रूप में रखती हैं।
  • मुकदमे के दौरान दोनों पार्टी को अपनी बात सही साबित करने के लिए सुबूत भी पेश करने जरुरी होंगे।
  • अंत में यदि आपके सुबूत और आपका मुकदमा प्रबल लगता हैं तो जज आपके हक़ में फैसला देता हैं। और आपको कितनी धनराशी मिलनी चाहिए वह भी फाइनल करता हैं।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आपके लिए हमारे इस लेख में दी गयी जानकारी उपयोगी रहेगी। यदि आपके पास और भी प्रश्न हैं तो आप नीचे दिए गए फॉर्म को अपनी सही जानकारी के साथ भरकर अपने प्रश्नों का उत्तर ले सकते हैं।

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