संविधान के अनुसार केवल 11 मौलिक कर्तव्य हैं। जो हर भारतीय को हर हाल में पूरे करने चाहिए। यदि आप भारतीय नागरिक हैं तो आपको भारत के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य, दोनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
यदि आपको भी यह जानने में उत्सुकता हैं कि तलाक़ के बाद बच्चे की कस्टडी माँ और बाप में से किसको दी जाती हैं तो आप इस लेख से इस बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
भारत सरकार ने प्रेग्नेंट महिला कर्मचारी के अधिकारों को देखते हुए मैटरनल बेनिफिट ऐक्ट पूरे भारत में लागू किया हैं। कोई भी कर्मचारी महिला डिलीवरी डेट 6 हफ्ते के अंदर-अंदर मैटरनिटी लीव के लिए अप्लाई कर सकती हैं।
कॉर्पोरेट लॉ आजकल काफी चलन में हैं जिसकी वजह से कॉर्पोरेट वकील भी काफी मांग में हैं। बिज़नेस के हित में कोई निर्णय लेने के लिए कॉर्पोरेट वकील रखे जाते हैं।
भारतीय जनता इन लॉ का उपयोग करके अपने जीवन, संपत्ति, और गरिमामय जीवन जी सकते हैं। ये महत्वपूर्ण अधिकार भारतीय संविधान में भारतीय जनता को दिए गए हैं जो आपको जानना चाहिए।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम संशोधन को 1 सितंबर 2019 में पूरे देश में लागू किया हैं। नए अधिनियम के तहत जुर्माना बढ़ा दिया गया।
Police act, हिंदी में पुलिस आयुक्त प्रणाली या पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के नाम से जाना जाता हैं। यह कानून भारत में अंग्रेजो द्वारा शुरू किया गया था। देश में पुलिस आयुक्त प्रणाली, 1861 पर आधारित थी।
यदि देखा जाए तो लगभग भारत की 70% महिला घरेलु हिंसा की शिकार हैं। ऐसी ही महिलओं को सुरक्षा देने के लिए भारतीय सरकार ने घरेलू हिंसा अधिनियम कानून 2005 26 अक्टूबर 2006 में पुरे देश में लागु हुआ।
नागरिक कानून मुख्य रूप से विवाद और मतभेदों को हल करवाता हैं। यदि आप भी सिविल लॉ के बारे में नहीं जानते हैं तो यह पेज आपके लिए ही बना हैं। तो आइये शुरू करते हैं।