इस बात से कोई दो राएं नहीं हैं कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति मे शिक्षा एक बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं।
इसी बात को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम पूरे देश मे लागू किया हैं।
भारत देश मे बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से देश के अधिकतर लोग अनपढ़ ही रह जाते हैं|
इसका सीधा असर देश की उन्नति पर भी पड़ता हैं। इसीलिए शिक्षा बहुत जरुरी हो जाती हैं।
आइए जानते हैं कि शिक्षा का अधिकार अधिनयम क्या हैं, यह लागू कब हुआ और इसके नियम क्या हैं।
क्या हैं शिक्षा का अधिकार अधिनियम?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम यह कहता हैं कि देश के हर वर्ग के नागरिक को शिक्षा लेने का पूरा अधिकार हैं।
इस अधिनियम के अंदर 6 से 14 वर्ष के बच्चो को फ्री मे शिक्षा देने का प्राविधान हैं। जिससे कि वह पढ़ सके और अपना भविष्य उज्जवल कर पाए।
इसी के साथ-साथ वह देश के विकास मे भी अपना सहयोग दे पायगा।
शिक्षा का अधिकार नियम कब लागू हुआ?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 मे बना था। जो 2010 मे पूरे भारत देश मे पूरी तरह से लागू हो गया था।
शिक्षा अधिकार अधिनियम के क्या नियम व कानून हैं?
- इस अधिनियम के तहत सरकार को यह निर्देश दिया गया हैं कि हर एक बच्चे को उसके निवास के अंतर्गत 1 किलोमीटर तक प्राथमिक शिक्षा दी जाए और तीन किलोमीटर के अंदर माध्यमिक शिक्षा देने की सुविधा की जाये।
- यदि कोई बच्चा वाहन या आर्थिक तंगी की वजह से पढाई छोड़ता हैं तो उसकी जिम्मेदारी सरकार ले और वाहन तथा फीस की सुविधा करे।
- शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई टीचर बच्चे को मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न देता हैं तो उस पर कानूनन कार्यवाही होने का नियम हैं।
- इस नियम के तहत कोई भी सरकारी अध्यापक या अध्यापिका अपना कोई निजी कार्य बच्चे से नहीं करवा सकते।
- यदि विद्यालय मे लड़के और लडकियां, दोनों पढ़ते हैं तो दोनों के लिए अलग-अलग शौचालय होना चाहिए।
- शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होना चाहिए और प्रधानाचार्य के लिए एक अलग कमरा होना चाहिए।
- किसी भी विद्यार्थी को कक्षा 8 तक कोई भी स्कूल फेल नहीं कर सकता| और कोई भी स्कूल पढाई पूरी होने तक विद्यार्थी को स्कूल से नहीं निकल सकता।
- यदि कोई स्कूल किसी बच्चे को प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देने के लिए कहता हैं तो वह दण्ड के योग्य होगा।
- किसी भी विद्यार्थी का प्रवेश किसी जरुरी दस्तावेज की वजह से नहीं रोका जा सकता।
निष्कर्ष:
हम उम्मीद करते हैं कि इस अधिनियम से जुड़ी हर जानकारी आपको मिल गयी होगी।
यदि अभी भी आपके मन मे कोई प्रशन हैं तो दिए हुए फॉर्म को भर दे। इस जानकारी की मदद से हम आप तक पहुँचकर आपके प्रशन को हल करेंगे।